Ponniyin Selvan: I (PS-I) Review In Hindi
धरती जैसी विनम्रता के साथ व्यक्ति आकाश को छू सकता है।
Ponniyin Selvan: I यानि PS-I मुख्य रूप से 1955 में Kalki Krishnamurthy की तमिल भाषी किताब Ponniyin Selvan पर आधारित है, जिसे दो भागों में लिखा गया था।
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Movie Review : Ponniyin Selvan: I (PS-I) In Hindi |
इस हफ्ते दर्शकों के पास सिनेमा में देखने के लिए दो विकल्प थे, जिनमें Vikram Vedha और Ponniyin Selvan: I शामिल है। जिसमें से मैंने Ponniyin Selvan: I को चुना। जो कि मेरे नज़रिये से एक नये तरीक़े के सिनेमा को देखने का अनुभव बना।
फ़िल्म की कास्ट पर नज़र डाले तो Chiyaan Vikram, Aishwarya Rai Bachchan, Jayam Ravi , Karthi , Trisha Krishnan, मुख्य भूमिकाओं में हैं। वहीं Aishwarya Lekshmi, Jayaram, Sarath Kumar, Parthiban Radhakrishnan, Prabhu, Prakash Raj अन्य मुख्य सहयोगी भूमिका में हैं। इसके अलावा एक लंबी सहयोगी कलाकारों की भी सूची है।
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PS-I की पृष्ठभूमि 10वीं सदी में वर्तमान दक्षिण भारत और श्रीलंका में फैले चोल साम्राज्य पर आधारित है। कहानी में चोल राजा सुंदर चोल का शासन काल दर्शाया गया है। कहानी जहां शुरू होती है उस समय सुंदर चोल बीमार हैं या यूँ कहे कि मरणासन्न स्थिति में हैं।
ऐसे में राजा का उत्तराधिकारी कौन होगा मुख्य प्लॉट यही माना जा सकता है। एक ओर राजा के स्वयं के दो पुत्रों में राजा चुनना चाहता है वहीं मंत्रियों का एक धड़ा तख्तापलट की गुंजाइशों की तलाश में है।
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Movie Review : Ponniyin Selvan: I (PS-I) In Hindi |
इसके अलावा पांड्य समेत अन्य शत्रु कमजोर पड़ते शासन पर घात लगाए बैठे हैं। जबकि कुछ किरदार अपने अलग प्लॉट को कहानी के साथ जोड़ते हुए दिखाए गए। ऐेसे में कई मोर्चों से लड़ी जा रही यह मानसिक जंग किस मुहाने पर पहुँचेगी यही Ponniyin Selvan हासिल माना जाएगा।
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फ़िल्म की समीक्षा की बात की जाए तो Ponniyin Selvan: I हिंदी भाषी दर्शकों के लिए एक नए तरह का अनुभव हो सकता है। कहानी साफ़ तौर पर पीरियड ड्रामा है। जिसे किसी भी तरह से Massy लुक देने का प्रयास नहीं किया गया। जिसे लेकर मेकर्स बिल्कुल Sure नजर आते हैं।
PS-I में 10वीं सदी को बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। वहीं विश्व की पहली नेवी माने जाने वाली चोल साम्राज्य की समुद्री सेना का प्रयोग भी बेहतर है। यहाँ तक कि नाव, जहाज़ और समुद्री सीन्स में मेकर्स ने कोई कमी नहीं छोड़ी है।
लेकिन संवाद और कहानी कहने में कहानी थोड़ी सी कमजोर नज़र आती है। कहानी का प्लॉट थोड़ा जटिल है जो एक साथ ना खुलकर टुकड़ों में खुलता जिससे आम दर्शक को कनेक्शन बैठाने में थोड़ा सा संघर्ष करना पड़ सकता है। जिसका उदाहरण हिंदी पट्टी के सिनेमा घरों में देखा जा सकता है।
वहीं PS-I से संवाद लेखन की यात्रा शुरू कर रहे Divya Prakash Dubey बहुत सी जगहों पर चूकते नज़र आते हैं। पीरियड ड्रामा के हिसाब से डायलॉग कमजोर लगते है, जिस पर डबिंग का असर दिखता है। क्रिटिकल सिचुएशन्स में हल्के संवाद दर्शकों के ध्यान को भटकाते हैं।
लोकेशन्स, समुद्र के वाइड शॉट्स में, और राजशाही भव्यता के प्रतीक बड़े बड़े नावों का प्रदर्शन PS-I में बेहतरीन है। इसके अलावा कुछ सीन्स के बैकग्राउंड में संगीत का प्रयोग बढ़िया है। इंटरवल के ठीक पहले Chiyaan Vikram वाले सीन में, Jayam Ravi, Karthi के तलवारबाज़ी वाले सीन में ManiRatnam संगीत अच्छा प्रयोग करते हैं, जिसके लिए वह जाने जाते हैं।
Dubbed फिल्मों का संगीत हिंदी पट्टी में अक्सर औसत रह जाता है, AR Rahman इस दावे को बुरी तरह ख़ारिज करते हैं। उनका संगीत हमेशा की तरह बेजोड़ है।
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एक्टिंग परफ़ॉर्मेंस की बात की जाए तो Aishwarya Rai Bachchan अपनी अदाकारी से ख़ुद को कहानी से कभी बाहर नहीं होने देती है। उनका किरदार केन्द्रीय भूमिका की तरह है, जिस पर वे खरी उतरती है।
Chiyaan Vikram को गिनती के मौके मिले हैं लेकिन प्री इंटरवल सीक्वेंस में जोरदार लगे हैं। वहीं Trisha Krishnan ने कुटिल राजनैतिक किरदार को सही ढंग से स्क्रीन पर उतारा है।
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कहानी के पहले हिस्से को बुनने का भार Karthi के कंधों पर जिसे वह पूरा करते है। उनका चुटीला अंदाज सिनेमा हॉल को ठहाकों से भर देता है। वहीं दूसरे भाग Jayam Ravi सारी वाहवाही लूट ले जाते है। क्लाईमेक्स सीन में दोनों किरदार जान डाल देते है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो PS-I एक नए तरीके का सिनेमा है, जिसकी कहानी कई हिस्सों में दिखाई जाएगी। ऐसे में Ponniyin Selvan के पहले भाग में कहानी और किरदारों को गढ़ने का काम किया गया है जो आम दर्शकों के लिए बोरिंग हो सकता है।
और यदि आप PS-I से Bahubali जैसी मास पीरियड ड्रामा की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो आपको निराशा हाथ लगेगी क्योंकि यह मूवी शोर मचाने वाले एंट्री सीन्स और फ़ाइटिंग सीक्वेंस आपको नहीं दिखाएगी।
-सत्यम
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