WEB REVIEW : Gullak सीजन 03 ; नयी किश्त, जायका पुराना

Gullak S03 Review in hindi

'' कितना बोरिंग होगा वो देश जिसके हर घर में एक बच्चा बेमन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।''

पूर्वाग्रह से ग्रसित और चरमराई भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसता यह संवाद, इस शुक्रवार यानि 7 अप्रैल से Sony liv पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज Gullak के तीसरे सीजन के चौथे एपिसोड से है। 2019 में आए Gullak के पहले सीजन ने आम परिवारों के खास किस्सों बेहद रोचक अंदाज में दर्शकों के सामने रखा था। 2021 में आए दूसरे सीजन ने भी इस पंरपरा को कायम रखा। 


दो सीजन्स की कामयाबी के बाद मेकर्स के ऊपर और बेहतर करने का दबाव था तो दर्शक भी उम्मीद लगाए बैठे थे कुछ और खास और अनूठे किस्सों की। यदि आप यहीं से पढ़के लौट जाना चाहते हैं तो कम शब्दों में यही कहा जा सकता है कि Gullak का तीसरा सीजन अपनी पिछले सीजन की सफलता को दोहराते हुए आम आदमी के जीवन की कुछ और परतों को कुरेदने में बाकायदा कामयाबी हासिल करता है। 

(Gullak Season 3 full cast name)

सीरीज की कास्ट की बात की जाए तो पहले दो सीजन्स का केन्द्रीय स्तंभ रहे मिश्रा परिवार में कोई भी बदलाव नहीं हैं। वहां जमील खान, गीतांजलि कुलकर्णी, वैभव राज गुप्ता और हर्ष मायर क्रमश: संतोष मिश्रा, शांति मिश्रा, आनंद मिश्रा और अमन मिश्रा का किरदार संभाले हुए हैं। सुनीता राजभर ने बिट्टू की मम्मी, शाद बिलग्रामी ने लकी के किरदार को जारी रखा है। 


सीरीज में कुछ नए किरदार भी जोड़े गए हैं जिनमें सचिन चौधरी को बिट्टू के स्थायी किरदार के रूप में जोड़ा गया। इसके अलावा केतकी कुलकर्णी और अम्बरीश सक्सेना एक एपिसोड में नजर आते हैं। जो फुर्तीली और फुर्तीली के पिता का किरदार निभाते हैं। इसका अलावा कई और कलाकार सहयोगी भूमिकाओं में जुड़कर सीरीज का साकार कर रहें है। 

(Gullak Season 3 Story & Plot)

इस बार भी सीरीज को पांच एपिसोड में बांटा गया है जिसमें पहला एपिसोड ' मिशन एडमिशन ' सीरीज के नयेपन से परिचित करवाता है। साथ ही आम आदमी के जेब के भार को और उसकी बनावट को सही सही स्क्रीन पर रखता है। दूसरा एपिसोड ' एलटीए ' यानि लीव ट्रेवल एलाउंस मिश्रा परिवार की सामान्य जिंदगी को उड़ने के लिए थोड़ी देर को पंख देता है। इसके अलावा यह एपिसोड यूनियन के शक्ल में व्याप्त विभागीय राजनीति के भी दर्शन करवाता है। 



शुरूआती दो एपिसोड्स की तैयार पुख्ता पृष्ठभूमि पर तीसरा एपिसोड ' अगुआ ' किसी बल्लेबाजी क्रम के तीसरे नंबर के बल्लेबाज के रूप में उतरता है और धाराप्रवाह में बह रही सीरीज में "फुर्तीली" ऊर्जा का संचार करता है। और बातों ही बातों में कई गहरी बातों को समझा कर चला जाता है। 

चौथा एपिसोड "सत्यनारायण व्रत कथा" मिश्रा परिवार की उलझती नेैया को तसल्ली का किनारा देने की कोशिश है। शिक्षा व्यवस्था की गलियों से गुजरता हुआ एक खुले अंत के साथ समाप्त होता है। अन्तिम और पांचवां एपिसोड इज्जत की चमकार, चौथे एपिसोड में तैयार पृष्ठभूमि पर भावनाओं के गुबार के साथ पर अंत की ओर बढ़ता है और कुछ हिस्सों में किस्सा ना रहकर कहानी की शक्ल ले लेता है। 


पांचों एपिसोड्स को एक साथ रखकर देखा जाए तो Gullak का तीसरा सीजन किसी भी देखने वाले को भावनाओं में बहाकर ले जा सकता है। लेकिन कुछ टुकड़ों में कहानी कमी छोड़ जाती है। पहले और दूसरे एपिसोड की गति थोड़ी धीमी है, जो संवेदनाओं और भावनाओं के कुएं को दूर से दिखाकर वापिस लौट आते हैं, जबकि थोड़ा और करीब जाया जा सकता था।

(Gullak Season 3 Review)

लेकिन तीसरा एपिसोड प्लॉट की सारी कमियों को दूर कर देता है। नये किरदारों की एंट्री सीरीज में जान फूंक देती है। इस एपिसोड की रुपरेखा कन्या-विवाह और पितृसत्ता की जड़वत मानसिकता को जोरदार थप्पड़ लगाने का काम करती है।

चौथा एपिसोड तीनों सीजन में सबसे जुदा है। जहां सब एपिसोड की पृष्ठभूमि उसी एपिसोड में समाप्त हो जाती लेकिन इस एपिसोड को दूसरा सिरा नहीं मिला है। दो प्लॉट के चलते कहानी भटक जाती है। आखिरी एपिसोड में भावनात्मक पक्ष मजबूत है लेकिन वास्तविक पक्ष थोड़ा कमजोर लगता है। 

पिछले दो सीजन के मुकाबले इस सीजन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसका आखिरी एपिसोड तक इंतजार करना पड़े। जैसे दूसरे सीजन में अमन का बोर्ड एग्जाम और अन्नू की गैस एजेंसी ने सभी एपिसोड्स को एक सूत्र में पिरोया था लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है।

(Gullak Season 3 Acting Performance)



ह्यूमर का पक्ष हमेशा की तरह मजबूत है। संवाद लेखन और उनकी सटीकता कहानी को रोचक बनाती है। अभिनय की बात करें तो मिश्रा परिवार समा बांधे रखता है। वहीं फुर्तीली यानि केतकी कुलकर्णी एक एपिसोड में आकर झा जाती हैं। इसके अलावा भी छोटे छोटे किरदारों की छोटी बड़ी भूमिकाएं सराहनीय हैं।

कुल मिलाकर कहा जाए तो बेहतर लेखन और एक्टिंग सीरीज की जान हैं। TVF की छाप लगी हो तो देखना तो बनता ही है और यदि आपने पिछले सीजन देखें हैं तो आप खुद को रोक नहीं पाएंगे।


-सत्यम सिंघई





Post a Comment

0 Comments