Dream Girl 2 Movie Review in Hindi
लड़की बनना मुश्किल होता है. और लड़की होना और भी मुश्किल।
बड़े पर्दे पर इन दिनों सीक्वल का दौर चल रहा है। इस दौड़ में इस हफ्ते शामिल हुई है Ayushmann Khurrana की Dream Girl 2. कमाई के आंकड़ों से देखा जाए तो Ayushmann Khurrana की मिडिल क्लास फिल्मों वाला जादू फिर लौटने लगा है। लेकिन Dream Girl के पहले भाग से कम्पेयर किया जाए तो चाय में चीनी कम नजर आती है।
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Dream Girl 2 Review in Hindi |
Dream Girl 2 की कहानी Ayushmann Khurrana यानि करम से ही शुरू होती है। करम और उनके पिता जगजीत यानि Annu Kapoor अब माता के जगरातों की शान है। कमाने का जरिया बदला है लेकिन कर्जों का भार पहले जैसा ही है। लोन चुकाने की इसी आपाधापी में करम फिर से पूजा बनता है।
फिर फैलता है पूजा की आवाज और हुस्न का मायाजाल। इसमें सभी किरदारों को उलझाते हुए पूजा खुद उलझ जाती है। और फिर अंत क्या है आपको पता है।
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Dream Girl 2 को True Entertainer नहीं कहा जा सकत, कहानी में कई Patches हैं। कहानी का कहीं भी छोर नहीं है; दर्शक देखकर ये नहीं बता सकता कि कहानी कहां से शुरू होती है और कहां पर खत्म। पहले हाफ में Whatsapp और मीम्स वाले जोक्स की भरमार है जो ज्यादातर लैंड नहीं करते। कुछ कोविड वाले जोक्स भी हैं, जोकि अब Relevant नहीं हैं। पहले हाफ में कहानी जमाने की कोशिश है जो कहीं जम ही नहीं पाती।
इंटरवल के बाद कुछ नए किरदार कहानी में जान डालने की कोशिश करते हैं। टुकड़ों में दर्शक पेट पकड़कर भी हंसते हैं लेकिन उसके लिए डबल मीनिंग का सहारा लेना पड़ता है। क्लाईमेक्स से पहले कहानी को ढीला छोड़ दिया जाता है। मतलब दर्शक चाहे तो उठकर घर जा सकता है।
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Dream Girl 2 Review in Hindi |
कहानी एडिटिंग में बिखरी सी लगती है। कहीं से भी कुछ भी शुरू होता है। यहां स्क्रीनप्ले में भी कमियां गिनाईं जा सकती हैं। Dream Girl 2 का म्यूजिक बेहद कमजोर है। पहले हाफ में दो तीन गाने आते हैं-चले जाते हैं, दर्शक सीट से हिलता भी नहीं है।
कास्ट बड़ी है, एक्टर्स की भरमार है लेकिन सबको यूज करने में डायरेक्टर Raaj Shaandilyaa चूकते से नजर आते हैं। पिछलेे बार के किरदारों को दोहराया तो है, लेकिन उनके इम्पैक्ट को नहीं दोहरा पाए हैं। Vijay Raaz और Abhishek Banerjee के किरदार कमजोर हैं। और नई भर्ती भीड़ बढ़ाने जैसी लगती है।
Ayushmann Khurrana का अभिनय बढ़िया है। करम और पूजा वह दोनों को सरलता से निभाते हैं। लेकिन डायरेक्शन की कमजोरी ही मानी जाएगी कि वे दोनों के बीच बैलेंस क्रिएट नहीं कर पाए हैं।
Ananya Pandey का किरदार क्लाईमैक्स के अलावा कहीं भी जगह बनाता नजर नहीं आता। भतेरे क्रिटिक्स कह गए हैं कि ‘मैं’ को ‘हम’ और ‘ये’ को ‘जे’ कहने से हिंदी एक्सेंट देशी या स्थानीय नहीं बनता, मैं इसमें नया कुछ नहीं जोड़ना चाहता। बाकी ज्यादा दिमाग ना लगाएं बस इतना जान लें कि इनके किरदार का नाम ‘पापा की परी’ है।
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Abhishek Banerjee ज्यादातर मौकों पर शांत रहे हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग के लिए तरसना पड़ेगा। Annu Kapoor ने पिछले भाग में उर्दू बोलकर जो शमा बांधा था वो आज भी याद है, लेकिन यहां वे उस किरदार का आधा भी नजर नहीं आते। Vijay Raaz के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इन किरदारों के साथ न्याय बनता था।
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Dream Girl 2 Review in Hindi |
नए किरदारों में Paresh Rawal, Manoj Joshi ऐसे लगते हैं कि बस पोस्टर पर दबदबा जमाने के लिए इन्हें शामिल किया गया था। इनके हिस्से में कुछ गिनती के सीन ही हैं। Rajpal Yadav वो नहीं हैं, जिन्हें हम Youtube पर देखकर हंसते हैं।
Seema Pahwa का किरदार बहुत मजेदार और फिल्म के लिए पॉजिटिव है। वह पिछली कहानी के Annu Kapoor की याद दिलाती हैं। उन्हें अच्छा स्पेस भी मिला है। Manjot Singh ठीक ठाक लगे हैं।
कुल मिलाकर दिमाग घर पर छोड़कर जाने वाली फिल्म है, लेकिन अगर जेब गवाही देती है तो।
Written By- Satyam Singhai (Follow On Insta- @satyam_evjayte)
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