Mimi full movie review in hindi
हम जो सोचते हैं वो जिंदगी नहीं होती है, हमारे साथ जो होता वह जिंदगी होती है।
यह संवाद है 30 जुलाई को Netflix पर रिलीज होने वाली मूवी Mimi का, जो किन्हीं कारणों की वजह से सोमवार को ही दर्शकों के सामने परोस दी गई।
स्त्री और लुका छिपी जैसी मध्यमवर्गीय फिल्में बना चुका दिनेश विजन प्रोडक्शन एक बार फिर गंभीर मुद्दे को संबोधित कर रहा है। लगभग दो दिन तक फिल्म का ट्रेलर YouTube पर ट्रेंड करने तथा Netflix पर रिलीज होने से इस मूवी को लेकर दर्शकों में बेहद उत्सुकता थी। पहली नजर में कहानी उम्मीदों पर खरा उतरती है।
Mimi movie full Cast
Mimi एक छोटी कास्टिंग की कहानी है। जिसमें मुख्य भूमिका मिमी के किरदार में kriti Sanon है। उनके माता-पिता के किरदार में मनोज पाहवा और सुप्रिया पाठक हैं। मिमी की सहेली शमा के किरदार में अभिनेत्री साई हैं। इन सब से हटकर कहानी में भानू के किरदार में दिग्गज अभिनेता Pankaj Tripathi है। इसके अलावा Evelyn और Aiden विदेशी जोड़े के किरदार में हैं। इसके अलावा कुछ और भी अच्छे कलाकार छोटी-छोटी भूमिकाओं में हैं। AR Rehman ने संगीत दिया है, निर्देशक हैं Laxman Utekar।
कैसी है Mimi की कहानी
सरोगेसी, यह शब्द बोलने में भारत में आज भी अधिकतर जुबानें लड़खड़ा जाती है। इसे आज भी लोग किसी जुर्म की नजर से देखते हैं। ऐसे ही कुछ दबे हुए मुद्दों एक बार फिर बॉलीवुड समाज के सामने लेकर आया है।
मिमी की कहानी एक विदेशी जोड़े से शुरू होती है, जो संतान उत्पत्ति नहीं कर सकता। वह ऐसी युवती की तलाश में हैं जो उनके बच्चे को सरोगेट कर सके। इसी खोजबीन में उनकी मुलाकात ड्राइवर भानू से होती है। इसके बाद इनके तार डांसर और बॉलीवुड अभिनेत्री का सपना देख रही मिमी से जुड़ते हैं।
मिमी सरोगेसी के लिए तैयार हो जातीं हैं। कहानी के मध्य तक हल्की फुल्की दिखने वाली कहानी गंभीर रूप ले लेती है और अंत में भावनाओं के सैलाब के साथ खत्म हो जाती है। और एक सामाजिक संदेश छोड़ जाती है।
Mimi Review in hindi
मूवी के पॉजिटिव हिस्सों की बात की जाए तो, कहानी सरोगेसी के मुद्दे को बहुत अच्छे से पकड़ती है और संबोधित भी करती है। कई हिस्सों में आती कॉमेडी कहानी को बोरियत से बचाती है। कुछ सीन्स में इमोशन को हूबहू दिखाने का पूरा प्रयास किया गया है और मेकर्स इसमें सफल भी हुए हैं। कहानी में तीन तलाक़, रंगभेद और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर चोट करने वाले डायलॉग भी शामिल किए हैं।
नकारात्मक पक्ष देखें तो कहानी की रफ्तार बहुत तेज है जिससे दर्शकों को तालमेल बैठाने में समस्या हो सकती है। कुछ विषयों को कहानी में अधूरा छोड़कर ही आगे निकल जाती है। भावनाओं की अधिकता कहानी को कुछ टुकड़ों में पकाऊ बना देती है।
कास्ट की बात करें तो कृति सेनन ने किरदार बहुत अच्छा पकड़ा है, लेकिन पंकज त्रिपाठी हर बार की तरह इस बार भी कहानी को अपनी धुरी पर घुमाते हैं। शमा के रूप में अभिनेत्री का साइड किक देकर नया प्रयोग किया गया है। हालांकि मनोज पाहवा और सुप्रिया पाठक को लेखन में कम जगह दी गई है।
कुल मिलाकर कहानी गंभीर मुद्दे को हास्य और इमोशन के साथ दिखाने में कामयाब रही है। सोशल मैसेज भी अच्छा है। अगर आप मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि की कहानियों के शौकीन हैं तो कहानी आपके लिए है ।
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