Chor Nikal Ke Bhaga Movie Review In Hindi
हवाई यात्रा और हाइजैकिंग से बॉलीवुड से का नाता पुराना रहा है। हाल के दौर में इस Genre के कुछ बड़े नाम Sonam Kapoor अभिनीत Neerja Bhanot की बायोपिक Neerja, Akshay Kumar की Bell Bottom, Ajay Devgn की Runway 34 रहे हैं।
इनमें से Neerja और Runway 34 को क्रिटिक्स ने तो सम्मान दिया लेकिन कमाई के मामले में ये फ़िल्मों उतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाईं। वहीं Bell Bottom को दोनों मायनों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
शायद इन्हीं हालिया प्रदर्शनों को देखते हुए Chor Nikal Ke Bhaga के मेकर्स ने इस फ़िल्म को बड़े पर्दे के बजाय डायरेक्ट ओटीटी पर प्रसारित करने का मन बनाया होगा। फ़िल्म देखकर उनका यह फ़ैसला बिल्कुल सही लगता है। क्योंकि Chor Nikal Ke Bhaga में इतना दम नहीं है कि वह ज़्यादा दर्शकों को थियेटरों तक ला पाती।
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Chor Nikal Ke Bhaga की कहानी के केन्द्र में Sunny Kaushal यानि अंकित हैं जो विदेशों से भारत लाए जाने वाले हीरों के इंश्योरेंस की कम्पनी चलाता है, लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियाँ बनती हैं कि उसे अपने ही द्वारा इंश्योरेंस किए गए हीरे Max Asia की फ़्लाइट से चुराने पड़ते हैं।
जिसमें उसकी मदद करती हैं Max Asia की Flight Attendant और उसकी प्रेमिका नेहा यानि Yami Goutam. हवाई यात्रा के दौरान हीरों को चुराने की योजना से पहले ही कहानी में ट्विस्ट आता है और प्लेन हाईजैक हो जाता है। और जब प्लेन हाइजैकर्स के चंगुल से छूटता है तब तक हाईजैकर्स और हीरे दोनो गायब हो जाते हैं।
हाईजैकर्स कौन थे और हीरे किसके पास हैं इसी का जवाब दो घंटे से भी कम की Chor Nikal Ke Bhaga देती है।
फ़िल्म देखने के बाद एक बात तो कहनी पड़ेगी कि प्लेन हाइजैकिंग की कहानियों में Chor Nikal Ke Bhaga एक अलग और नई तरीक़े की कहानी है। लेकिन एक अच्छे कॉनसेप्ट को मेकर्स पर्दे पर सही ढंग से उतारने में चूक गए हैं।
निर्माता Dinesh Vijan और Amar Kaushik की इस फिल्म को Ajay Singh ने डायरेक्ट किया है जिनके हिस्से में अभी तक कोई बड़ा नाम नहीं हैं। Chor Nikal Ke Bhaga, वो बड़ा नाम बन सकती थी अगर कुछ कमियों को सुधार लिया जाता।
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फ़िल्म के पहले एक घंटे में लव स्टोरी और बहुत सारा इमोशनल ड्रामा दिखाया जाता है। जो कहानी के दूसरे हिस्से के लिए प्लॉट तो सेट करता है लेकिन इसमें वही सब दिखाया जाता है जो हर दूसरी लव स्टोरी फ़िल्म का हिस्सा होता है। जिसका दर्शक पहले से अनुमान लगा सकते हैं जो कहानी को बोरिंग बनाता है।
कमजोर एक घंटे के बाद कहानी में Twist आता है जिसके बाद कहानी रोचक लगने लगती है लेकिन Twist और Suspense के आस पास के कमजोर सब प्लॉट्स कहानी को फिर से Predictable बना देते हैं। ऐसे में, जो दर्शकों को अंत तक रोके रखे, कहानी में ऐसा कुछ भी नहीं बचता।
कहानी लेखन में सही है लेकिन स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन में कमजोर पड़ जाती है। संवाद साधारण हैं। अभिनय की बात करें तो Sunny Kaushal ठीक ठाक लगे हैं। लेकिन Yami Gautam की तरफ़ से कुछ कमी रह जाती है, वह नेगेटिव शेड्स में कुछ कमजोर लगती हैं, बाक़ी ठीक हैं।
Sharad Kelkar, Inderneil Sengupta समेत अन्य सहयोगी कास्ट के पास ज़्यादा कुछ करने का मौक़ा नहीं है।
कुल मिलाकर बढ़िया कहानी के साथ ग़लत ट्रीटमेंट Chor Nikal Ke Bhaga को कमजोर बना देता है।
-सत्यम (Twitter- @satyam_evJayte)
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