क्या फिल्म Kahaani की सफलता को दोहरा पाई अभिषेक की Bob Biswas

 Bob Biswas Review Review in hindi



" हमारे लाइन में एक जोक है क्लाइंट और मौत कभी भी बुला सकते है। "

अभिषेक बच्चन का यह संवाद फिल्म Bob Biswas की पृष्ठभूमि को बयां करने के लिए अपने आप में पूरा नजर आता है। अभिषेक बच्चन हाल ही में जी 5 की फिल्म Bob Biswas में नजर आए। बता दें कि इस कहानी को विद्या बालन की फिल्म Kahaani के सीरियल किलर किरदार Bob Biswas को केन्द्र में रखकर लिखा गया है।

फिल्म कहानी में Bob Biswas के किरदार को शाश्वत चटर्जी ने निभाया था। यह फिल्म इसी किरदार का स्पिन ऑफ है। यदि आपने फिल्म Kahaani को देखा है तो आपको यह किरदार जरूर याद होगा। कहानी में मात्र आठ मिनट के किरदार ने Bob Biswas यानि शाश्वत चटर्जी ने लोगों का दिल जीत लिया था। लोग इस किरदार के बारे और भी बहुत कुछ जानने के लिए उत्सुक थे।

Bob Biswas cast

फिल्म की कास्ट की बात की जाए तो अभिषेक बच्चन के अलावा फिल्म में चित्रांगदा त्रिपाठी है मुख्य भूमिका में है। पूरब कोहली, कौशिक राज चक्रवर्ती, टीना देसाई, उदय भानू, विश्वनाथ चटर्जी अन्य भूमिकाओं में हैं। हालाकिं दो किरदार ऐसे भी जो ज्यादा चर्चित तो नहीं हैं लेकिन उनकी भूमिका असरदार है। इन किरदारों में काली दा जो कि परन बंदोपध्याय प्ले करते हैं और दूसरा है धोनू का जो Pavbitara rabha निभाते हैं। इसके अलावा फिल्म में मिनी का किरादार समारा तिजोरी ने निभाया है जो कि जानने लायक है।

Bob Biswas Plot

कहानी की शुरूआत Bob Biswas से होती है जो पिछले आठ साल से कोमा में था और अब स्वस्थ होकर अपनी जिंदगी में वापस लौट रहा है लेकिन समस्या ये है कि उसे अपनी पिछली जिंदगी के बारे में अब कुछ याद नहीं हैं।

वह अपने परिवार में लौटता है जहां चित्रांगदा और उनके एक बेटा और बेटी हैं। लेकिन उनके लौटते साथ उनके अतीत से जुड़े कुछ लोग उनके पीछे लग जाते हैं। और Bob Biswas उनके इशारों पर फिर खून खराबे का वही खेल शुरू कर देता है। जिसमें उसे काली दा का सहयोग मिलता है।

कहानी के बीच में एक युवाओं से ड्रग को भी जगह दी गई। सीरियल किलिंग के बीच में Bob Biswas के अतीत के तार उनके परिवार से जुड़ते हैं और कहानी कब मिस्ट्री थ्रिलर से फैमिली थ्रिलर में बदल जाती है पता नहीं चलता। तो क्या Bob Biswas अपने अतीत की जुड़ी हकीकतों से पूरी तरह पर्दा उठा पाएगा। यही जबाव पूरे दो घंटे ग्यारह मिनट में जी 5 पर मिलता है।

Bob Biswas Review

कहानी की बात करें तो, फिल्म पूरी तरीके से एक मिस्ट्री को अंत तक कायम रखती हैं। लेकिन यदि शाश्वत चटर्जी के किरदार को याद रखकर अभिषेक अपेक्षा करेंगे तो निराशा हाथ लगेगी। फिल्म कुछ और डार्क हो सकती थी। जिसकी अपेक्षा दर्शक Bob Biswas के किरदार से रख रहे थे। कह सकते हैं कि लेखन में थोड़ी सी कमी रह जाती है।

वहीं एक्टिंग की बात करें तो अभिषेक अपना सर्वश्रेष्ठ देते है लेकिन शाश्वत चटर्जी से उनकी तुलना गलत है। चित्रांगदा ने जितना जो कुछ मिला है उसे बेहतर निभाया है। मिनी का किरदार स्टैंडआउट करता है। टीना देसाई पुलिस की भूमिका में और अच्छी दिख सकती थी अगर उनके किरदार को लिखने में जल्दबाजी ना की गई होती तो।

विश्वनाथ चटर्जी और उदय भानू की जुगलबंदी अच्छी रही हैं। धोनू के किरदार से एक अलग प्लॉट खोलने की कोशिश की गई लेकिन वह भी हड़बड़ी का शिकार हुआ है। लेकिन काली दा के किरदार को बड़ी बारीकी से लिखा गया। बंगाली एक्टर परन बंदोपध्याय ने इस अच्छे से निभाया भी है। उनका बंगाली और हिंदी मिक्स बोलने का लहजा रोचक है।

कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म एक बार देखने लायक तो है। लेकिन यदि आप फिल्म कहानी जैसे थ्रिल की उम्मीद कर रहें तो आप निराश हो सकते हैं।

-          Satyam Singhai

 

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