Movie Review - Bholaa

Bholaa Review In Hindi

वर्दी बहादुरी के साथ पहनी जाती है, बंदूक के साथ नहीं।


वर्दी और बहादुरी की पैरवी करता यह संवाद फ़िल्म Bholaa से है। Bholaa मूल रूप से तमिल भाषा में बनी फ़िल्म Kaithi का हिंदी रीमेक है।

 

Bholaa Review in Hindi

Bholaa सिनेमाघरों में चुकी है तो Kaithi और Bholaa की तुलना ज़ोरों पर हैं। लेकिन मैंने अब तक Kaithi नहीं देखी है तो इस रिव्यू में आपको Comparative View  नहीं मिलेगा। कम शब्दों में कहा जाए तो यदि आप Bholaa देखने जा रहे हैं तो एक्शन के अलावा कोई और उम्मीद फ़िल्म से मत लगाइए। 


Bholaa पुलिस और ड्रग माफियाओं के चेजिंग सीक्वेंस से शुरू होती हैं। SP डायना यानि Tabu करोड़ो रूपयों के ड्रग्स को ज़ब्त कर लेतीं हैं।  


इस बात की भनक लगते ही ड्रग गैंग का सरग़ना अपनी कई टुकड़ियों के साथ ड्रग की तलाश में निकल पड़ता हैं। एसपी डायना को सरग़ना से पहले ड्रग्स तक पहुँचना है। लेकिन साथ ही कुछ पुलिस वालों की जान भी बचानी है। 


इन सब के बीच प्लॉट में एंट्री होती है Bholaa यानि Ajay Devgn की। जो 10 साल की जेल के बाद आज ही लौटा है और अपनी बेटी से पहली बार मिलने जा रहा है। एसपी डायना Bholaa की मदद से ड्रग्स तक पहुँचने की जद्दोजहद करती हैं, लेकिन रास्ते में कई चुनौतियों भी हैं। 


इसी प्लॉट के साथ कई एक्शन सीक्वेंस और इमोशनल एंगल्स को साथ लेकर फ़िल्म Bholaa क्लाइमैक्स तक पहुँचती है। 


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Mass Genre की फ़िल्में आम तौर पर दो आधार पर बनती हैं। एक तो राष्ट्रवाद और देशभक्ति वाले एंगल से और दूसरी इमोशनल, फ़ैमिली और बदले की भावना वाले पक्ष से। Bholaa दूसरे वाले पक्ष की कहानी है। 


लेकिन इसमें मतभेद नज़र आते हैं। इस पूरी कहानी में Bholaa का ख़ुद का कोई स्वार्थ नहीं है। फ़िल्म में बताया गया है कि Bholaa पुलिस वालों को ख़ास कुछ पसंद नहीं करता। लेकिन थोड़ा भावुक होकर पुलिस की मदद भी करने लगता है। फिर उनके लिए लड़ता भी है और पिटता भी है। लेकिन दर्शकों मज़बूत कारण नहीं मिलता Bholaa के साथ जुड़ने का। 


बीच बीच में Bholaa की बेटी वाले हिस्से को दिखाया जाता है। यहाँ फ़िल्माए गए सीन कहानी को इमोशनल बनाते हैं लेकिन मुख्य प्लॉट से डायरेक्ट कोई कनेक्ट नहीं होने से इनका ख़ासा कोई महत्व नहीं रह जाता। 


यह कहना ग़लत नहीं होगा कि Bholaa के एक्शन सीक्वेंस ज़ोरदार और शायद सबसे मज़बूत पक्ष हैं। VFX से लेकर स्टंट टीम तक की मेहनत एक्शन सीन्स में नज़र आती है। पहले Half एक के बाद एक एक्शन सीन्स आते रहते हैं लेकिन दूसरे हाफ में इनकी संख्या कम है। 


दूसरे हाफ़ में भावुक पक्ष ज़्यादा है जहां Bholaa के अतीत को खंगाला जाता है, जहां कहानी का पेस धीमा पड़ने लगता है। क्लाईमैक्स तक पहुँचते पहुँचते टुकड़ों में एक्शन होता है। फिर आज कल का प्रचलित मशीन गन वाला सीन आता है लेकिन ज़्यादा शोर नहीं मचता क्योंकि दर्शक अब इसके आदी हो चले हैं। 


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पूरी फ़िल्म में एक चीज है जो कमजोर नहीं पड़ती वो है KGF वाले Ravi Basrur BGM. इसमें कई लोगों की राय अलग है लेकिन मेरा मानना है कि फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक एक दम कड़क है। इसके अलावा Bholaa के संवादों में भी जान नज़र आती है। जिन्हें दर्शकों की तालियाँ मिलती हैं लेकिन Makrand Deshpande वाले Narration में लेखक भावनाओं में बहते नज़र आते हैं। 


Ajay Devgn को एक्टर के तौर पर देखा जाए तो उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने हर सीन में जान झोंकी है। वहीं Tabu की बात करें तो उन्होंने भी किरदार को सहज पकड़ा हैं लेकिन एक्शन की भरमार के बीच उनके पास ज़्यादा कुछ करने को हैं नहीं। Deepak Dobriyal का किरदार देखने लायक है। 


बतौर डायरेक्टर Ajay Devgn एक्शन सीक्वेंस के बीच में ठीक ढंग से इमोशनल सीन को भरने में चूक गए। दृश्यों की जमावट या स्क्रीनप्ले में कुछ बदलाव किया जा सकता था, जैसे छात्र की मौत को मध्यांतर के आस पास रखा जाता, भोला के अतीत को दूसरे पार्ट की लालच में बचाकर न रखकर सकी कुछ झलिकयां यहाँ दिखा सकते थे। 


कुल मिलाकर Bholaa एक ज़बरदस्त एक्शन फ़िल्म साबित हो सकती थी अगर इस पर रीमेक की छाप नहीं लगी होती तो। क्यूंकि फिल्म Kaithi से तो कमजोर Hype वाली है। 



-सत्यम (Twitter- @satyam_evJayte)

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