- एक गोली में आदमी ख़त्म हो जाता है ना?
- दो आदमी !….जा पे चले है…..और जो चलावे है।
हिमालय की हसीन वादियों में बैठे नायक नायिका पर फ़िल्माया गया इतना संगीन संवाद Highway की कहानी को समझने के लिए काफ़ी है। Highway सफर को दिखाती कोरी कल्पना नहीं बल्कि हकीकत को जमीन पर उतारने वाली कहानी है।
Highway की कहानी शुरू होती है वीरा त्रिपाठी से जिसकी कुछ दिनों में शादी होने वाली है और पूरा परिवार उसी की तैयारी में जुटा है। इसी बीच शादी की अफ़रा तफ़री में से चैन की साँस लेने के लिए वीरा खुली हवा में सैर पर निकलती है। लेकिन उसका सामना कुछ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले गैंग से हो जाता है और उसका अपहरण कर लिया जाता है।
महावीर भाटी और उसकी गैंग वीरा को छुपते छुपाते, उत्तर भारत के राज्यों से होते हुए पहाड़ी इलाक़ों की ओर निकल पड़ती है। वीरा पहले इस गैंग से जूझती है, भागती है, रोती है। लेकिन वीरा को इस अपहरण के बदले वह सब कुछ मिलने जिसे वह अपनी बंद कमरों की ज़िंदगी में खोजती है।
एक अनोखी रोड ट्रिप के माध्यम से HIghway हमें जीवन के कठिन रास्तों से गुजरने के अनुभव से रूबरू कराती है।
Highway को बड़े पर्दे से गुजरे क़रीब क़रीब एक दशक हो गया। मैंने अभी तक इसे नहीं देखा था। लेकिन ZNMD देखने के बाद तमाम रोड ट्रिप वाले सिनेमा को देखने का जैसे चस्का लग गया।
इसी सिलसिले में मुलाक़ात Highway से हुई। इस फ़िल्म को रोड ट्रिप वाला सिनेमा कहना ग़लत होगा। यह पूरी तरीक़े से घुमक्कड़ शैली में ‘केवल अपने लिए जियो’ या ‘दुनिया देखो’ वाले नैरेटिव को सेट नहीं करती बल्कि जीवन कुछ मुश्किल दौर से आपका सामना करवाती है।
कहानी वीरा की हो या भाटी दोनों के मायने बहुत हद तक एक जैसे हैं। अंत में जाकर शायद यही बात इन दोनों को जोड़ती भी है। जहां वीरा एक खानाबदोश की तरह दिखती है तो भाटी हालातों से निर्मित व्यक्ति जो कहानी के सीरियस मूड में संतुलन बनाने का काम करते हैं।
Highway के नाम के अनुसार इसे बढ़िया लोकेशन पर फ़िल्माया गया है। जो दर्शक को सड़क के रास्ते पहाड़ों तक ले जाती है। संवाद योजना सही सही है, संवाद सरल और सीधे लेकिन कहने का अंदाज और वक़्त उन्हें विशेष बनाता है।
स्क्रीन प्ले की तारीफ़ बनती है, कहानी जब हल्की या साधारण होती तब किरदारों के अतीत में झांकते कुछ दृश्य संवेदनाओं को फिर मज़बूत कर देते हैं। पिछली घटनाओं को एक अलग फ्रेम में या तो सन्नाटे का साथ दिखाया जाता है या फिर संगीत में जो उसे और रोचक बनाता है। AR Rehman का संगीत हमेशा की तरह बेहतर और हाज़िर जवाब है।
अभिनय की बात करें तो Alia Bhatt हर परिस्थिति में अपनी एक्टिंग के एक नए रूप को दिखाती हैं। बंधे हाथों में रोती हुई लड़की से लेकर बांहे फैलाकर सफर में उड़ती लड़की तक वे हर जगह बेहतर लगती हैं।
वहीं Randeep Hooda संवादों में कम और अभिनय से ज़्यादा बात करते हैं। हरियाणवी और राजस्थानी मिश्रित भाषा शैली उनके ग़ुस्से में बोले गए संवाद बढ़िया लगते हैं।
Highway से एक ही गुंजाइश रहती है कि वह आसपास की चीजों को दिखाने में इतनी व्यस्त हो जाती जिसमें वीरा का अल्हड़पन और महावीर भाटी की झुँझलाहट कुछ कुछ देर के लिए कहीं खो जाती है।
कुल मिलाकर रोड ट्रिप के लिबास में ज़िंदगी का सफ़र है Highway.
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