Movie Essay - Chup : Revenge of The Artist
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Movie Essay - Chup : Revenge of The Artist |
Chup : Revenge of The Artist की शुरूआत एक मर्डर से होती है। कत्ल होता है एक Film Critic का। जिसे उसी के घर में बड़ी निर्ममता से मारा गया है। इसके बाद कहानी में एक बाद एक कई मर्डर होते हैं। हर मर्डर में दिखाई जाती है ढेर सारी क्रूरता और पीछे छूट जाते हैं, मरने वाले के माथे पर गिनती के कुछ सितारे।
इस मिस्ट्री को सुलझाने के लिए एक पुलिस इंस्पेक्टर है। कहानी को आगे बढ़ाने के लिए एक फूल बेचने वाला और एक एंटरटेनमेंट रिपोर्टर है। आगे की कहानी के लिए फ़िल्म देखना सही रहेगा।
सिनेमा के अंदर सिनेमा है
Chup : Revenge of The Artist की कहानी किसी एक किरदार की नहीं है बल्कि पूरे फिल्मी जगत की और उनके आस पास मौजूद Film Critics की कहानी है। जो हमें सिनेमा के आस पास मौजूद चीजो को दिखाने का प्रयास करती है। कैसे एक रिव्यू फिल्म को अच्छा या बुरा बना सकता है। और कैसे एक Biased या Unbiased रिव्यू फिल्म को और उससे जुड़ी चीजों को प्रभावित कर सकता है।
कहानी के पीछे कहानी कुछ और भी है
इन सब के अलावा भी Chup : Revenge of The Artist हमसे कुछ और कहानियां कहती है। जिनमें से ज्यादातर कहानियों को दर्शकों को खुद समझना पड़ता है। Shreya Dhanwantari एक फिल्मी पत्रकार के किरदार में है, जो इंडस्ट्री के ट्रेंड्स, सेलेब्स को फॉलो करती हैं। एक संवाद में वे कहती हैं कि “ किसने क्या पहना, क्या खाया, किसे डेट कर रहे हैं… सब पर नजर रखो।” यह संवाद पेज थ्री पत्रकारिता के अलग चेहरे को दर्शाता है।
इसके अलावा भी कहानी एक Film Critic की यात्रा को भी दर्शाती है, वो कैसे मुक़ाम बनाते हैं। साथ ही फ़िल्ममेकर के भावनाओं को भी स्क्रीन पर दर्शाती है, कि एक फिल्म निर्माता के लिए फ़िल्म से बढ़कर भी बहुत कुछ होती है।
गहरा और परतदार थ्रिलर
Chup : Revenge of The Artist की कहानी आपको एक बार सोचने के लिए मजबूर करती है। जहां R Balki के लेखन की कामयाबी नजर आती हैं। सीरियल किलिंग आपने कई देखी होगीं लेकिन रिव्यू के हिसाब से मर्डर करने वाला कॉन्सेप्ट एक अलग तरह की सोच है।
GuruDutt से जोड़ने वाला फ़िल्म का कॉनसेप्ट कहानी की जड़ो को फ़िल्मी जगत से जोड़ने का काम करता है। वहीं कहानी Psychological Thriller नजर तो आती है लेकिन डायरेक्शन का बेहतर काम उसे फ़िल्मी Criticism का कहानी से हमेशा जोड़े रखता है। ऐसे में कहानी केवल Psychological Thriller बनकर नहीं रह जाती। यह भी पढ़ें Movie Review : Drishyam 2
कहानी को फ़िल्माया भी बेहतर ढंग से गया है ख़ास कर क्लाईमेक्स वाला Mehbub Studio का सीन। इसके अलावा बारिश का चुनिंदा प्रयोग और Tulips के क्लोज़ अप सीन बढ़िया लगते हैं। इसके अलावा Dulquer Salman के किरदार के साइकिल चलाना कुछ अलग दिखाने की कोशिश है।
मर्डर मिस्ट्री है तो जाँच पड़ताल तो होगी ही लेकिन इस हिस्से में ज़्यादा कुछ ख़ास नज़र नहीं आता। हालाँकि कहानी की लय को वह प्रभावित नहीं करता। कहानी की तेज़ रफ़्तार कही न कहीं दर्शकों को ज़्यादा दिमाग़ लगाने का कठिन काम दे डालती है।
असरदार, अभिनय और संवाद
अपनी पिछली फ़िल्म Kurup के बाद से Dulquer Salman एक अलग तरह के अभिनेता बनकर उभरे है। जिसने उन्हें दक्षिण भारत के साथ साथ मुख्य धारा के सिनेमा में ख़ास पहचान दिलाई है। यहाँ भी वह उसी तरह के अभिनय को दर्शाते है। Chup : Revenge of The Artist में हर सीन में कुछ करके दिखाते हैं।
Shreya Dhanwantari रिपोर्टर बनी है। उनका किरदार काफ़ी हद तक उनके Scam 1992 वाले किरदार से प्रेरित लगता है। वह सहजता के किरदार को निभा रहीं है।
Dulquer और Shreya की जुगलबंदी भी अच्छी लगती है। काग़ज़ के फूल और गुरू दत्त के डिस्कशन वाले सीन में यह उभर कर सामने आती है। Sunny Deol के किरदार को ज़्यादा जगह नहीं मिली है। यह भी पढ़ें Web Series Review : Breathe Into The Shadows S02
Pain is the most powerful fuel for an artist.
We need Cinema to feel alive.
Cinema needs critics for growth.
To create something new, we must destroy the old.
ऐसे ही कुछ संवाद कहानी के संदेश को स्पष्ट और असरदार बनाने का काम करते हैं।
आज के सिनेमा की ज़रूरत
Chup : Revenge of The Artist की Narration बुरे दौर से गुजर रहे बॉलीवुड पर कई मामलों में सटीक बैठता है। जो फिल्ममेकर्स के साथ Critics के लिए बहुत कहती है। क्लाईमेक्स का एक संवाद फ्रेम टू फ्रेम कॉपी करने वाले रीमेक्स पर तंज कसता है। हालांकि कई जगहों फिल्मी की जगत की हित की बात भी फिल्म करती नजर आती है।
Chup : Revenge of The Artist सिनेमा को जीने वाले दर्शको के लिए बनाई गई फिल्म है।
-सत्यम
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