Movie Review : Drishyam 2 in Hindi
शब्दों पर नहीं, दृश्यों पर ध्यान दो, क्योंकि शब्द पलट भी सकते हैं।
यह संवाद हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई Ajay Devgn स्टारर बहुप्रतिक्षित Suspense Thriller Drishyam 2 से हैं। फ़िल्म की पृष्ठभूमि का अंदाज़ा इस संवाद और एक अन्य संवाद “सच मिट्टी में दबे बीज की तरह होता है….” से काफ़ी हद तक लगाया जा सकता है। कहानी का बहुत कुछ मर्म इन्हीं संवादों के आस पास घूमता नज़र आता है।
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Movie Review : Drishyam 2 in Hindi |
फ़िल्म की शुरुआत Drishyam से सात साल बाद शुरू होती है। जहां सलगांवकर परिवार 2 अक्टूबर और 3 अक्टूबर की घटना को कुछ भूल सा गया है, और अपनी ज़िंदगी नए तरीक़े से जीने का प्रयास कर रहा है।
लेकिन पूर्व आईजी मीरा देशमुख अभी भी अपनी नाकामी को नहीं भूली है। ऐसे में कहानी में नए आईजी की एंट्री होती है। जो कुछ सिरों को पकड़कर नए मायने निकालने का काम करता है। इसी उधेड़बुन में कुछ ऐसे सबूत हाथ लगते हैं, जिनसे विजय और उसके परिवार पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगते हैं।
तो यह चोर पुलिस का खेल Drishyam की इस किश्त में पूरा हो पाएगा या विजय फिर तिकड़म से पुलिस को चकमा देगा, Drishyam 2 इन्हीं सवालों के जवाब देती है।
यदि आपने Drishyam का पहला भाग देखा होगा तो आप इस कहानी के थ्रिल से बहुत अच्छे से वाक़िफ़ होंगे। कहानी में थ्रिल को डर के साये में पिरोकर दिखाया गया है। जहां एक परिवार है जिसे हर समय अपना राज खुलने का डर सताता रहता है। इसी डर को छुपाने और जाहिर ना करने की जद्दोजहद ही असली थ्रिलर पैदा करता है।
Drishyam 2 में भी यह थ्रिल कई जगहों पर उत्पन्न होता है लेकिन सच कहूँ तो यह पहले भाग की अपेक्षा काफ़ी कम नज़र आता है। इस बार कहानी थ्रिलर पर कम और सस्पेंस पर ज़्यादा निर्भर करती है। जिसमें कम ही कमियाँ नज़र आतीं है।
कहानी स्लो पेस से स्टार्ट होती है, जो दर्शकों को पहले और दूसरे पार्ट से तालमेल बिठाने में मदद करती है। हालाँकि पहले पार्ट का Recap एक से ज़्यादा बार दिखाया जाता है, जो कहानी की लय को थोड़ा बाधित करता है। नए किरदारों की जमावट अपने साथ एक कारण लेकर आती है।
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Movie Review : Drishyam 2 in Hindi |
कुछ सीन सिनेमा हॉल में बैठे दर्शकों को अपनी सीट पर असहज होने पर मजबूर कर देते हैं, जिनमें आईजी अहलावत का विजय के घर जाने वाला सीन, कुछ मिनटों में बेहतर थ्रिलर बन पड़ा है। इसके अलावा Ajay Devgn के Slow Motion Entry वाले सीन बेहतर लगते हैं।
Drishyam 2 की कहानी मलयालम की मूल कहानी से प्रेरित है। लेकिन मेकर्स का कहना था कि Drishyam 2 में मूल कहानी से कुछ ज़रूरी बदलाव किए गए हैं। मैंने दोनों कहानियों को देख रखा है, ऐसे में कुछ ज़्यादा बड़ा परिवर्तन नज़र नहीं आता। इसकी जगह यह कहा जा सकता है कि कहानी को सीन टू सीन कॉपी नहीं किया गया है बल्कि अपने ज़रूरत के ढंग से उनका प्रयोग किया गया है। मोटे तौर यह बदलाव गिनती के ही हैं।
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अभिनय की बात की जाए तो Ajay Devgn सहज अंदाज दर्शकों को चौंकाने के लिए काफ़ी है। वह बेहतरीन अभिनय करते दिखते हैं। Tabu के किरदार को इस भाग में कम जगह मिली है ऐसे में वह खुलकर नज़र नहीं आती।
Akshay Khanna बताते हैं कि वह क्यों चुनिंदा किरदारों में ही अभिनय करते हैं। Akshay Khanna पिछले पार्ट की Tabu सरीखी भूमिका में हैं। संवादों के साथ अपने हाव भाव से जो दृश्य पैदा करते वह शानदार लगता है। अभिनय के मामले में Ajay Devgn और Akshay khanna एक दूसरे को टक्कर देते नज़र आते हैं।
बात की जाए Shriya Saran की तो कुछ दृश्यों में ही बेहतर अभिनय करतीं दिखती हैं। Ishita Dutta को ज़्यादा कुछ करने का मौक़ा नहीं मिला हैं। Gaitonde के रूप में Kamlesh Sawant एक दो सीन अलावा कॉमिक ज़्यादा नज़र आए हैं हालाँकि उन्हें इस ढंग में देखना उतना बेहतर नहीं लगता।
कुल मिलाकर Abhishek Pathak के डायरेक्शन को बेहतर Adaptation का क्रेडिट दिया जा सकता है लेकिन असल मायनों में कहानी के नायक Jeethu Joseph हैं जिन्होंने मूल कहानी को लिखा है।
बेहतर माइंडगेम है, देखकर मज़ा आएगा।
-सत्यम
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