Kantara Review In Hindi

आज से क़रीब दो हफ़्ते पहले यानि 30 सितम्बर को कन्नड़ समेत कुछ दक्षिण भारतीय भाषाओं रिलीज़ हुई फ़िल्म Kantara . इसी दिन तमाम भाषाओं में कई बड़ी फ़िल्मों ने दस्तक दी। जिनमें से कुछ मेगा बजट की फ़िल्में भी रहीं। 


इन सब के बीच Kantara के यूनिक कॉनसेप्ट ने तेज़ी से दर्शकों को अपनी तरफ़ खींचा, फ़िल्म की सफलता यह रही कि इसे 14 अक्टूबर को हिंदी भाषा के साथ पूरे भारत में रिलीज़ किया गया। 


Movie Review - Kantara In Hindi


फ़िल्म की सफलता का आकलन इसी बात से किया जा सकता है कि Kantara को हिंदी में बहुत कम प्रमोशन के बाद भी PS-I से ज़्यादा दर्शक सिनेमाघरों में मिल रहे हैं। और IMDB पर तो फ़िल्म रेटिंग के मामले में KGF को पीछे छोड़ चुकी है। 


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Rishab Shetty, Kantara के मुख्य अभिनेता होने के साथ साथ लेखक और निर्देशक भी हैं। इसके अलावा Sapthami Gowda, Kishore, Achyuth Kumar,  Manasi Sudhir आदि कलाकार मुख्य सहयोगी भूमिकाओं में हैं। 


Kantara की कहानी दक्षिण भारत के एक छोटे से गाँव तथा 90 के दशक में स्थित हैं। कहानी का मुख्य तनाव गाँव और उससे जुड़ी सैकड़ों एकड़ ज़मीन है। दरअसल इस ज़मीन को गाँव वालों को पूर्व में एक राजा ने दान में दी थी।


अब राजा के वंशज इस ज़मीन को वापस पाना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार इस भूमि को रिज़र्व फ़ॉरेस्ट में बदलना चाहती है। लेकिन गाँव वालों के लिए ज़मीन ही सब कुछ है। यही तीनों मोर्चों की ज़ोर आज़माइश, लगभग ढाई घंटे से ज़्यादा तक एक बेहतरीन रंगमंच स्क्रीन पर उतारती है। 


समीक्षा की बात की जाए तो Kantara एक बेहतरीन सिनेमेटिक अनुभव हो सकता है यदि आप विविधता वाली कहानियों को देखना पसंद करते हैं। कहानी एक दैवीय विश्वास के साथ शुरू होती है और अंत तक अपने उसी बिंदु से जुड़ी रहती है, जो दर्शकों को भटकने का मौक़ा नहीं देती। 


Movie Review - Kantara In Hindi

दैवीय श्रृंगार , साज सज्जा और नृत्यों का सिनेमाई प्रयोग कहानी के पारंपरिक पक्ष को मज़बूती देता है। डार्क बैकग्राउंड में आग के साथ कई प्रयोग स्क्रीन पर शानदार नज़र आते हैं। 


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हालाँकि कहानी कुछ हिस्सों में धीमी लगने लगती है। यह दौर इंटरवल के पहले और क्लाईमेक्स से कुछ पहले भी देखने को मिलता है। इसके अलावा लव स्टोरी वाला एंगल कुछ उतना ज़रूरी नहीं लगता है। बीच बीच में औचक दृश्यों का प्रयोग दर्शकों को चौंकाता ज़रूर है। 


कुछ जगहों पर जंगल का प्रयोग कुछ कुछ Pushpa The Rise से प्रेरित लगता है, वहीं कुछ जगहों पर KGF की छाप भी नजर आती है। 


अभिनय की बात की जाए तो Rishab Shetty अपने अलावा किसी को भी स्क्रीन पर मज़बूती से जगह बनाने का मौक़ा नहीं देते। शुरू से अंत तक एक एक सीन में जान झोंकते हैं। एक्शन सीन्स में उनकी एनर्जी अलग ही रोमांच पैदा करती है।


वहीं सहयोगी भूमिकाओं में Sapthami Gowda, Kishore, Achyuth Kumar अपने किरदारों को बढ़िया ढंग से चलाते हैं। कुछ एक किरदार कुछ हिस्सों में हंसाने का काम करते हैं। 


कुल मिलाकर Kantara एक अलग ढंग से दक्षिण भारतीय सिनेमा की एक और नई कहानी कहती है। एक बात मानी जा सकती है कि आख़िरी के कुछ सीन में Kantara एक अलग तरह की संरचना को आकार देती है, जो सिनेमाघरों के बाद भी आप को याद रह जाता है। 


-सत्यम