Movie Review - Blurr In Hindi
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Movie Review - Blurr In Hindi |
Taapsee Pannu अभिनेत्री बड़े पर्दे पर कम और डिजीटल पर्दे यानि OTT पर इन दिनों ज्यादा नज़र आ रहीं है। इसके अलावा विलायती फ़िल्मों के हिन्दी रीमेक्स की संख्या उनके हिस्से में कुछ ज़्यादा ही नज़र आती है। इस बार उनके हिस्से में आई हालिया रिलीज़ Blurr भी इसी तरीक़े की फ़िल्म है। जो ZEE5 पर अब स्ट्रीम हो रही है।
फिल्म Blurr की कहानी मूल रूप से Spanish फिल्म Julia's Eyes से ली गई है। इससे पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म Dobaaraa भी Spanish फिल्म Mirage की हिंदी एडाप्टेशन थी। ऐसे में Taapsee Pannu एक ही तरह की फ़िल्मों का Genre तैयार कर रहीं है। Blurr में भी आपको लगभग चिर परिचित Taapsee Pannu ही नजर आती हैं।
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Blurr की कहानी गौतमी यानि Taapsee Pannu से शुरू होती है, जिनकी एक बीमारी के कारण उनकी आँखों की बीमारी धीरे धीरे कम हो रही है। वह पहले ही सीन में मौत गले लगा लेती हैं। इसके बाद उनकी जुड़वा बहन गायत्री यानि Taapsee Pannu ही उनकी अंतिम क्रियाओं के लिए उनके घर पहुँचती हैं।
इसके बाद गायत्री को गौतमी की मौत के पीछे की कुछ रहस्यमयी घटनाओं का पता चलता है। आत्महत्या नहीं मर्डर वाले रास्ते पर गायत्री अपनी बहन के कातिल को पकड़ने के लिए निकल पड़ती है। इसी बीच गायत्री भी गौतमी जैसी बीमारी से पीड़ित हो जाती है, और उस पर भी मौत का साया लटकने लगता है।
गायत्री अपने बहन के कातिल को पकड़ पाएगी या हत्यारा गायत्री को भी गौतमी के पास भेज देगा, यही Blurr के प्लॉट का मुख्य सस्पेंस है।
Blurr की कहानी सस्पेंस थ्रिलर के रूप में शुरू होती है। मर्डर के आस पास दिखने वाला हर एक शख़्स स्क्रीन पर गुनहगार की तरह दिखाया जाता है। जो थ्रिल और सस्पेंस पैदा करता है। रातों के अंधेरे वाले सीन और दिन में भी डार्क शेड्स का प्रयोग इस थ्रिल को और मज़बूत बनाने का काम करता है।
Blurr मर्डर मिस्ट्री से शुरू होकर, सस्पेंस थ्रिलर और फिर Psychological Drama में तब्दील हो जाती है। यह सब इतनी जल्दी होता है कि दर्शक के दिमाग में कुछ कड़िया जुड़ती है तो कुछ अधूरी ही रह जाती है। Blurr का पेस कुछ ज्यादा तेज है जो खटकता है। कहानी किसी भी एक पहलू को पूरा नहीं होने देती बीच में से ही दूसरा पक्ष जोड़ देती है।
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Blurr की कहानी टुकड़ों में अच्छी कही जा सकती है। सस्पेंस वाला पार्ट बहुत देर तक घुमाता रहता है। इन्हीं सीक्वेंस में कई जगह डर भी पैदा होता है लेकिन तर्क की कमी भी महसूस होती है।
कैरेक्टर बिल्डिंग थोड़ा कमजोर नज़र आता है, विशेष तौर पर Abhilash Thapliyal जिनका किरदार महत्वपूर्ण है लेकिन कहानी से जुड़ाव अधूरा लगता है। कुछ मूमेंट्स अच्छे भी लगते है जिनमें Wellness Centre के बेसमेंट वाला, taapsee का डरावना सपना कुछ क्विक और अच्छे सीक्वेंस हैं। संवाद औसत हैं।
अभिनय की बात की जाए तो Taapsee Pannu ने जाना पहचाना अभिनय किया है। उनका किरदार उनकी फ़िल्म Game Over के किरदार से प्रेरित लगता है। उनके किरदार में कुछ नया नजर नहीं आता। Gulshan Devaiah का किरदार छोटा है उनके पास आपना हुनर दिखाने मौका नहीं है।
Abhilash Thapliyal का अभिनय बढिया है। लेकिन लिखने वालों ने उनके किरदार को जहां तहां से जोड़ा है। लेकिन वह सौ फीसदी देते हैं। हालांकि उनके बारे में ज्यादा बात करना Spoiler हो सकता है।
कुल मिलाकर Blurr एक अच्छा ऑप्शन हो सकता था अगर कुछ नये एलिमेंट्स जोड़े जाते। लेकिन मौजूदा Blurr में बहुत कुछ देखा हुआ लगता है। जो किसी पुरानी कहानी में नए किरदारों को जोड़ने जैसा लगता है।
-सत्यम
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