Web Series Review - Farzi

Farzi Review In Hindi


लालच, शौक़ को ज़रूरत बना देती है

आज लगभग डेढ़ वर्ष पहले सुना था और एक आर्टिकल लिखा था कि फ़िल्ममेकर Raj & Dk की जोड़ी मिलकर अभिनेता Shahid Kapoor को मुख्य किरदार में लेकर एक वेब सीरिज़ बनाने जा रहे हैं। जिसका Genre, Quirky Comedy Drama होगा। और इस हफ्ते से Prime Video पर Farzi प्रसारित हो रही है। 

Web Series  - Farzi Review in Hindi

Genre के अनुसार Farzi, Quirky यानि विचित्र लगती है। और इसका चित्रण और फ़िल्मांकन इसे और मज़ेदार बना देता है। Go Goa Gone और The Family Man जैसे अलग ढंग के सिनेमा को हमारे सामने ला चुके Raj & DK यहां भी चूकते नहीं हैं। 


Farzi की कहानी शुरू होती है Sunny उर्फ Sandeep aka Shahid Kapoor से। जो एक Artist है और पांच मिनट में हूबहू आदमी का स्कैच उकेरने का दावा करता है। जिसके बदले लोग उसे पैसा तो देते हैं लेकिन उसके Art को इज्जत नहीं देते। यह उसकी निजी समस्या है। 


Sunny का एक दोस्त भी है Firoz aka Bhuvan Arora जो उसके हर अच्छे बुरे काम का सहभागी। इन दोनों की साझी समस्या यह है कि ये दोनों मध्यवर्ग और पैसों की तंगी के मायाजाल में बुरी तरह उलझे हैं। जबकि इनके सपने हमेशा आसमान को ताकते हैं। 


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अपनी समस्या को सुलझाने की जुगत में और सपनों की उड़ान भरने की ज़िद में ये दोनों अपने Art का प्रयोग करके नक़ली नोट बनाने के काम में लग जाते हैं। और रातोंरात इनकी क़िस्मत बदलने लगती है। 


दूसरा प्लॉट खुलता है जहां सरकार नकली करेंसी पर नकेल कस रही है। इसी सिलसिले में Micheal aka Vijay Sethupathi की विशेषीकृत टीम, नक़ली भारतीय करेंसी के सरग़ना Mansoor aka Kay Kay Menon के पीछे लगी है। 


इसी चोर-पुलिस के खेल के बीच में पहले Mansoor और फिर Micheal दोनों के बारी बारी से तार जुड़ते हैं Artist Sunny से। धांधलेबाजी का ये खेल अभी के लिए एक व्यक्तिगत क्षति के साथ खत्म हो जाता है। 


कल्पना कीजिए कि आप सीरिज़ देख रहें हैं कहानी निर्णायक मोड़ पर है, पृष्ठभूमि में बजता संगीत दृश्य में थ्रिल पैदा कर रहा है, लेकिन आप संजीदा होने की बजाय अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे तो आप और कहीं नहीं Raj & DK के सिनेमाई यूनिवर्स में हैं। 


Farzi भी कुछ इसी तरह से आगे बढ़ती नज़र आती है। मुख्य तौर पर कहानी एक बेहद गंभीर और ख़तरनाक मुद्दे को दिखाती है लेकिन कॉमिक टाइमिंग की इसमें कोई कमी नहीं। सीरियस मूमेंट्स पर हास्य का रंग देने का प्रयोग हम Raj & DK निर्देशित The Family Man में भी देख चुके हैं। लेकिन Farzi की कहानी राजनीति और आतंकवाद से भरे पड़े OTT के इतर कुछ नया दिखाती है। 


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Farzi के सब प्लॉट्स मज़बूत हैं जो सीरिज़ को ताक़त देते है। इसके अलावा किरदारों की मेकिंग पर फ़िल्ममेकर्स ने बारीकी से ध्यान दिया है। Sunny और Firoz के बचपन को तरीक़े से खंगाला गया है,  जो दोनों किरदारों से जुड़ने में मदद करता है। इसके अलावा परिवार वाला एंगल दर्शकों को जोड़े रखता है। 


Micheal का किरदार अपने वर्तमान और अतीत के बीच झूल रहा है। उसके अतीत की घटना से जोड़कर मेकर्स हमें कुछ बढ़िया दिखा सकते हैं। Mansoor के ऊपर कौन है इसकी परतें खुलना अभी बाक़ी हैं। यही किरदार है जिसके बारे में कहानी ज़्यादा कुछ नहीं बताती। 


कहानी एक प्रकार से Mirzapur की कहानी से प्रेरित लगती है जहां दो भाई मिलकर काले धंधों का नया रूप देते हैं। ऐसा ही कुछ Farzi में दिखता है। दोनों का अंत लगभग एक जैसा है। 


Farzi के संवाद उसकी जान हैं। लगभग हर किरदार के हिस्से में कुछ बहुत अच्छे डायलॉग आए हैं। लोकेशन और कैमरा वर्क अच्छा है। सड़क पर उड़ते नोटों वाले सीन के लिए Spacial Mention बनता है। 



Farzi के साथ एक बात तो असल है कि वो इसका अभिनय। Shahid Kapoor हर मौक़े पर ठीक लगते हैं। आख़िरी एपिसोड के फ़ाइटिंग सीक्वेंस में तो वे ग़ज़ब कर देते हैं। कई मौक़ों पर वे Kaminey वाले किरदार की तरह भी दिखते हैं। 


Vijay Sethupathi के अभिनय पर कुछ कहना बेईमानी होगी, वह ज़ोरदार लगते हैं। उनका हिंदी बोलने का अंदाज उनकी कॉमिक टाइमिंग को दुरूस्त करता है। Zakir Hussain के साथ उनकी जुगलबंदी बेहतरीन है। 


Bhuvan Arora, Raashi Khanna उम्मीद से बेहतर एक्टिंग करते हैं। यासिर चाचा की भूमिका में Chitranjan Das इस सीरिज़ की खोज हैं। Kay Kay Menon, Amol Palekar, Saqib Ayub बढ़िया लगे हैं। 


कुल मिलाकर Farzi देखने से चूकना नहीं चाहिए। 


-सत्यम 

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