इंडियन प्रीमियर लीग : मंच, महामारी और मुद्दे विवादास्पद

 इन दिनों सूर्य के प्रकाश में दिनों-दिन तेज़ी आ रही है। कुछ ही दिनों में तापमान अपने उच्च स्तर पर होगा। इसी मौसम में एक और चीज है जिसका खुमार सर चढ़ कर बोलता है वो है क्रिकेट। गर्मियों के दिन क्रिकेट के सबसे बड़े त्यौहार आईपीएल या INDIAN PREMIER LEAGUE के बिना अधूरे से प्रतीत होते हैं।


ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों में यह युवाओं के साथ साथ प्रत्येक उम्र के दर्शक को अपनी ओर आकर्षित करता है। साथ ही यह विज्ञापन बाज़ार में एक बूम की तरह कार्य करता है। साथ फैंटसी क्रिकेट एप्स के लिए यह व्यापार का स्वर्णिम अवसर होता है। जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले 7 साल में पहली बार पिछले संस्करण में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के ब्रांड वैल्यू (Brand Value) में गिरावट आई है। एडवायजरी फर्म Duff & Phelps की रिपोर्ट के मुताबिक, IPL 2020 की Brand Value 3.6 फीसदी घटकर 45,800 करोड़ रूपये रह गई जो वर्ष 2019 में 47500 करोड़ रूपये थी। इसके साथ ही वर्ष 2020 में IPL के 13वें एडिशन में आईपीएल फ्रेंचाइजीज की ब्रांड वैल्यू में भी गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण कोरोना वायरस के कारण स्पॉन्सरशिप रेवेन्यू का कम होना है।

इसके साथ ही यह लीग देशी विदेशी खिलाड़ियों को एक मोटी रकम प्रदान करता है। आईपीएल का संचालन BCCI के माध्यम से होता है। यदि आईपीएल के इतिहास की बात की जाए तो यह लीग तात्कालीन BCCI पदाधिकारी ललित मोदी के दिमाग की उपज माना जाता है। इस लीग ने 2007 से आकार लेना प्रारंभ किया। जिसका प्रमुख उद्देश्य भारतीय क्रिकेट की बैंच स्ट्रैंथ को मजबूत करना तथा प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को मंच प्रदान करना था।

यह भारत का पेशेवर T-20 लीग है जो कि डबल राउंड रोबिन फार्मेट में खेला जाता है। जिसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ी शामिल होते जिनका चयन नीलामी प्रक्रिया के आधार किया जाता है। नियम के मुताबिक एक प्लेइंग इलेवन केवल चार विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है। इस लीग का आयोजन अप्रैल के पहले सप्ताह से मई के अंतिम सप्ताह तक होता है।  जबकि पिछले साल इसका आयोजन सितंबर से नंबवर तक हुआ था जिसकी प्रमुख वजह कोरोना महामारी रही। यह संस्करण UAE में खेला गया। इसके अतिरिक्त दो और बार यह लीग भारत के बाहर आयोजित की गई है पहली बार 2009 में दक्षिण अफ्रीका , दूसरी बार 2014 में UAE (कुछ हिस्सा) जिसका कारण देश में आम चुनाव का होना था।

यदि आईपीएल की विश्वस्तरीय लोकप्रियता की बात की जाए तो यह विश्व के सबसे सफलतम लीगों में शीर्ष पर शुमार है। परंतु एक सिक्के में दो पहलू अवश्य होते हैं। लोकप्रिय होने के साथ साथ यह लीग समय समय पर इस आयोजन पर सवाल उठते रहे हैं। विवादों की श्रृंखला में सबसे बड़ा विवाद 2013 में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया है।


जिसमें जांच के दौरान राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को दोषी पाया गया इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त टीम ऑनर्स पर लगे सट्टेबाजी के आरोपों के चलते राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स को नौवें तथा दसवें सीज़न में प्रतिबंध झेलना पड़ा। एक अन्य मामले में ललित मोदी पर आईपीएल के माध्यम से मनी लांड्रिंग आदि के आरोप लगे जिसके कारण उन्हें लीग से हटा दिया गया। इसके अतिरिक्त चीयरलीडर्स का मुद्दा, शाहरुख खान - वानखेड़े विवाद , हरभजन थप्पड़ कांड भी विवादों के बिंदु बनकर उभरे हैं।

मौजूदा सीजन की बात की जाए तो यह वर्तमान में बढ़ रहे कोरोना संकट के आयोजित किया जा रहा है। यह छह नियत स्थानों पर खेला जाएगा। जो कि बिना किसी दर्शकों की उपस्थिति में बंद दरवाजों के अंदर खेला जाएगा। साथ ही इसमें भाग ले रहे खिलाड़ियों को बायो बबल के माध्यम से संरक्षित किया जा रहा है।


आईपीएल की लोकप्रियता के साथ यह लीग अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा है।  खिलाड़ियों की बात की जाए तो अभी तक सैकड़ों प्रतिभावान खिलाड़ियों ने आईपीएल में प्रदर्शन के दम देश विदेश में ख्याति प्राप्त की है। वहीं भारतीय टीम की बैंच स्ट्रैंथ को मजबूत बनाने का श्रेय दिया जा सकता है जिसकी परीक्षा हाल ही में संपन्न हुए आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान हो चुकी है।विभिन्न उतार चढ़ाव के बाद भी यह लीग का 14वां सीजन  9 अप्रैल से प्रारंभ हो चुका है। भले ही इसके पहले कई खिलाड़ी, मैदानकर्मी, तथा सपोर्ट स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। तमाम अटकलों के बाद के बाद यह लीग फिर से शुरू हो चुका है। दर्शकों के नजरिए से देखा जाए तो यह एक अच्छी खबर है कि उन्हें 5 माह बाद फिर से अपने पसंदीदा लीग का लुत्फ उठाने का मौका मिल रहा है।

Post a Comment

0 Comments